ये साधना शनिवार रात्रि को दस बजे के बाद प्रारम्भ की जा सकती है योगी गोरखनाथ ने समाज को नई विचारधारा और तांत्रिक साधनाओं का सरलतम रूप समझाया और आम-जन की भाषा में कई प्रयोग संपन्न करवाई जिन्हें शाबर साधनाओं का रूप दिया गया दिलसुखहंजाये, सब गम हटजाये आयजिदेखोजी, https://oxodirectory.com/listings12792364/the-shabar-mantra-diaries